रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि को भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या

रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि को भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने की दुखद घटना हुई है। इसका पूरा विवरण इस प्रकार है:


घटना:
 * यह घटना रायबरेली के ऊंचाहार क्षेत्र में 2 अक्टूबर 2025 की रात को हुई।
 * हरिओम वाल्मीकि (उम्र लगभग 38 वर्ष), जो फतेहपुर जिले के निवासी थे, उस रात अपनी पत्नी और बेटी से मिलने के लिए ससुराल जा रहे थे।
 * रास्ते में डाडेपुर सड़क पर ग्रामीणों ने उन्हें 'चोर' समझकर रोक लिया। अफवाहें थीं कि लोग ड्रोन का इस्तेमाल करके चोरी कर रहे हैं, और ग्रामीणों ने हरिओम को "ड्रोन चोर" समझ लिया।
 * भीड़ ने उन्हें बेरहमी से पीटा, जिसमें लाठी, डंडे और बेल्ट का इस्तेमाल किया गया। पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

 * गंभीर रूप से घायल हरिओम की बर्बर पिटाई के कारण मौत हो गई।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारियां:
 * घटना का वीडियो वायरल होने और गुस्सा बढ़ने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की।
 * मृतक के पिता की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई।
 * पुलिस ने अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।
 * इस मामले के मुख्य आरोपी दीपक अग्रहरि को पुलिस ने बाद में एक मुठभेड़ (एनकाउंटर) में गिरफ्तार किया, जिसके दौरान उसके पैर में गोली लगी।
 * ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों (एक सब-इंस्पेक्टर सहित) को निलंबित भी किया गया है।
 * पुलिस ने इस मामले में कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
 * इस घटना पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
 * कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से फोन पर बात की और उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिया। उन्होंने इस घटना को इंसानियत, संविधान और न्याय की हत्या बताया।
 * विपक्ष ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
यह घटना भीड़ की हिंसा (मॉब लिंचिंग) और दलितों के प्रति अपराध का एक भयावह उदाहरण है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है।

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