GST mein ghotale ka vivaran / जीएसटी में हुए मुख्य घोटालों का विवरण

 जीएसटी (GST - Goods and Services Tax) भारत में लागू होने के बाद से, इसमें भी कई तरह के घोटालों और धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। इन घोटालों का मुख्य उद्देश्य फर्जी बिलिंग (Fake Invoicing) के ज़रिए टैक्स चोरी करना और सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत दावा करना होता है।


जीएसटी में हुए मुख्य घोटालों का विवरण इस प्रकार है:

जीएसटी में हुए प्रमुख घोटाले और धोखाधड़ी के तरीके

जीएसटी धोखाधड़ी में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले तरीके ये हैं:

1. फर्जी बिलिंग (Fake Invoicing)

यह जीएसटी का सबसे बड़ा और आम घोटाला है।

 * तरीका: अपराधी फर्जी कंपनियाँ बनाते हैं (जिन्हें "कैटल कंपनियाँ" या "पेपर कंपनियाँ" भी कहते हैं) जो माल या सेवाएँ वास्तव में डिलीवर नहीं करतीं। ये कंपनियाँ केवल बिल जारी करती हैं।

 * उद्देश्य:

   * फर्जी आईटीसी (Fake ITC): बिल खरीदने वाली कंपनी इन फर्जी बिलों का उपयोग करके इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत दावा करती है, जिससे उसे उतना टैक्स सरकार को कम देना पड़ता है।

   * बैंक लोन/टर्नओवर: कुछ कंपनियाँ अपने टर्नओवर (कारोबार) को कागज़ों पर ज़्यादा दिखाने के लिए भी फर्जी बिलिंग करती हैं, ताकि वे बैंक से बड़ा लोन ले सकें।

2. इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत दावा

यह धोखाधड़ी सीधे सरकारी खजाने को नुकसान पहुँचाती है।

 * तरीका:

   * जाली दस्तावेज़: फर्जी ट्रांसपोर्ट दस्तावेज़ (E-Way Bills) बनाकर यह दिखाना कि माल भेजा गया है, जबकि वास्तव में कोई माल नहीं भेजा जाता।

   * केवल पेमेंट: कभी-कभी कंपनियाँ वास्तविक बिल दिखाती हैं, लेकिन सप्लायर को पेमेंट नकद में करती हैं और बैंक में केवल टैक्स राशि का भुगतान दिखाती हैं, या फिर फर्जी बैंक लेनदेन दिखाती हैं।

 * परिणाम: कंपनी को ITC के रूप में पैसा मिल जाता है, जबकि वास्तव में उसने कोई माल खरीदा ही नहीं या उस माल पर टैक्स नहीं चुकाया।

3. निर्यात (Export) में धोखाधड़ी

जीएसटी निर्यात को प्रोत्साहित करता है, लेकिन इसका भी दुरुपयोग किया गया है।

 * तरीका: अपराधी केवल कागज़ों पर माल के निर्यात का दावा करते हैं, लेकिन वास्तव में माल विदेश नहीं भेजते।

 * उद्देश्य: क्योंकि निर्यात पर टैक्स शून्य होता है, ये कंपनियाँ फर्जी निर्यात दिखाकर सरकार से पहले चुकाए गए टैक्स का रिफंड (Refund) गलत तरीके से हासिल कर लेती हैं।

4. पंजीकरण (Registration) से संबंधित घोटाले

 * तरीका: फर्जी पहचान और पते का इस्तेमाल करके कई जीएसटी पंजीकरण (GST Registrations) लेना, और फिर उन सभी रजिस्ट्रेशन का उपयोग फर्जी बिलिंग के लिए करना। जैसे ही अधिकारी जाँच शुरू करते हैं, अपराधी कंपनी को बंद करके गायब हो जाते हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया और बचाव के उपाय

जीएसटी घोटालों को रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं:

 * डेटा एनालिटिक्स (Data Analytics): सरकार ने फर्जी आईटीसी दावे पकड़ने के लिए GSTN (GST Network) में एडवांस्ड डेटा एनालिटिक्स और AI का उपयोग शुरू किया है।

 * E-Way Bill और Bill-of-Entry का मिलान: इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने से पहले अब GSTR-2A और GSTR-2B में डेटा का मिलान अनिवार्य कर दिया गया है।

 * Biometric Verification: संदिग्ध मामलों में जीएसटी पंजीकरण के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है ताकि फर्जी कंपनियाँ न बन सकें।

 * विशेष अभियान: केंद्रीय और राज्य जीएसटी विभाग समय-समय पर बड़े जांच और गिरफ्तारी अभियान चलाते रहते हैं।

Comments