'सनातनी' आस्था के नाम पर 'फिल्टर्ड ड्रामा'? PM मोदी के यमुना स्नान पर भड़की सियासत, 'फिल्टर्ड पानी' वाले घाट को लेकर AAP-BJP में आर-पार
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PM मोदी के 'फिल्टर्ड यमुना' स्नान पर विवाद!
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित छठ पूजा कार्यक्रम को लेकर दिल्ली की राजनीति में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने यमुना के वासुदेव घाट पर प्रधानमंत्री के स्नान के लिए 'फिल्टर्ड पानी' से एक कृत्रिम तालाब (Artificial Pond) तैयार किया है।
आप का कहना है कि जहां लाखों श्रद्धालु जहरीली और प्रदूषित यमुना में छठ पूजा कर रहे हैं, वहीं पीएम मोदी को सिर्फ 'फोटो शूट' के लिए गंदे पानी से बचाने के लिए 'वज़ीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट' के साफ पानी का इस्तेमाल किया गया है।
AAP का आरोप: आस्था का अपमान
AAP के वरिष्ठ नेताओं ने इस कदम को 'सनातन आस्था का अपमान' बताया है। उनका दावा है कि यमुना सफाई के बड़े-बड़े वादों के बावजूद नदी का पानी आज भी इतना प्रदूषित है कि उसमें डुबकी लगाना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। पार्टी ने कहा, "गरीब पूर्वांचली भक्तों को प्रदूषित यमुना में धकेलकर, पीएम मोदी साफ पानी में स्नान का 'फर्जीवाड़ा' कर रहे हैं, ताकि वह लोगों को यह दिखा सकें कि यमुना साफ हो गई है।"
BJP का पलटवार: राजनीतिक हताशा
जवाब में, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे 'राजनीतिक हताशा' का परिणाम बताया है। भाजपा ने कहा कि AAP गंदी राजनीति कर रही है और छठ घाटों पर साफ-सफाई के काम का विरोध कर रही है। उनका कहना है कि वासुदेव घाट पर बेहतर व्यवस्था की जा रही है ताकि श्रद्धालुओं को शुद्ध जल मिल सके।
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब छठ पूजा दिल्ली के पूर्वांचल समुदाय के लिए एक बड़ा राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रम है। दोनों पार्टियाँ छठ घाटों पर सुविधाओं को लेकर लगातार एक-दूसरे पर हमला कर रही हैं।


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