बिहार चुनाव 2025: पटना की 14 सीटों पर वोटिंग पूरी, मतदाता बोले — अब विकास चाहिए, वादे नहीं

 पटना में पहले चरण का मतदान: उत्साह के बीच शुरुआत धीमी, 14 सीटों में स्थानीय मुद्दों पर जोर — Technik दिक्कतें और सुरक्षा का सवाल

विस्तृत रिपोर्ट


परिचय


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में पटना जिले की भूमिका अहम रही। जिले में 14 विधानसभा सीटें थीं, जहाँ 6 नवम्बर को मतदान हुआ। स्थानीय मतदाता, बूथ-विस्तार, तकनीकी व्यवस्था, वोटिंग प्रतिशत व शिकायतों को मिलाकर यह चरण सिर्फ वोट देना नहीं बल्कि राजनीतिक दिशा का संकेत था।

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सीटों का अवलोकन एवं मतदाता संख्या


पटना जिले की 14 विधानसभा सीटें इस प्रकार हैं:


Mokama


Barh


Bakhtiyarpur


Fatuha


Patna Sahib


Kumhrar


Bankipur


Digha


Phulwari (SC)


Danapur


Maner


Bikram


Paliganj


Masaurhi (SC)



दस्तावेज़ों के अनुसार, मतदाता संख्या लगभग 48 लाख से अधिक है। उदाहरण के लिए, खबरों में बताया गया है कि पटना जिले में वोटर्स की संख्या ~ 48.15 लाख रही। 


वोटिंग प्रतिशत एवं शुरुआती रुझान


सुबह शुरुआत में मतदान धीमी गति से हुआ — सुबह 9 बजे तक लगभग 11.22% मतदान हुआ था, जिसमें पटना जिले का प्रतिशत राज्य में सबसे कम रहा। 

दोपहर तक (1 pm) मतदान ~ 42.31% था, वहीं पटना जिले ~ 37.72% रहा। 

3 pm तक राज्यव्‍यापी ~ 53.77% रही। पटना जिले अपेक्षाकृत पीछे था। 

इसके बाद शाम तक कुछ-कुछ डेटा बताते हैं कि ~ 60% तक उपस्थिति दर्ज हुई। 

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि पटना जिले में भागीदारी अपेक्षा लेने से कम रही, विशेष रूप से शुरुआत में।


जमीनी हालात, स्थानीय चुनौतियाँ और मतदाता-राय


तकनीकी समस्या: कुछ बूथों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) या VVPAT में दिक्कतें आईं, जिससे मतदान में देरी हुई। 


पहुँच की समस्या: उदाहरण के लिए, Danapur Diara इलाके में मतदाता को नाव से बूथ तक जाना पड़ा क्योंकि पुल नहीं था। 


शहरी-ग्रामीण विभाजन: शहरी बूथों में शुरुआत में कम उपस्थिति रही, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अपेक्षा बेहतर थी। पटना जिले में शहरी सीटों में मतदान धीमा था।


मतदाता-मनोबल: कई मतदाताओं ने बताया कि वे “विकास”, “रोज़गार”, “बिजली-पानी” जैसे मुद्दों पर वोट देने आये हैं। साथ ही, कुछ का कहना था कि “परिवर्तन” की उम्मीद कम हो गई है। 


विशेष व्यवस्था: विकलांग मतदाताओं के लिए “होम वोटिंग” आदि सुविधा शुरू हुई थी — जैसे कि 539 मतदाताओं ने घर से वोट डाला। 



प्रमुख उम्मीदवार व सीट-वार लड़ाई


पटना जिले में यह चरण कुछ प्रमुख सीटों को लेकर विवादास्पद है —


Bankipur सीट पर Rekha Kumari (RJD) vs Nitin Nabin (BJP) की टक्कर। 


Kumhrar में BJP के Sanjay Kumar vs CONGRESS के Indradeep Kumar Chandravanshi। 


Patna Sahib में त्रिकोणीय मुकाबला: BJP, INC व स्वतंत्र उम्मीदवार (मयूरनगर निगम मेयर के पुत्र) भी मैदान में। 



यह इन सीटों का केवल एक हिस्सा है, लेकिन इन चुनौतियों व मामले-स्थल से हकीकत सामने आ रही है।


पिछली बार की तुलना और इस बार के संकेत


2020 में पटना जिले में वोटिंग प्रतिशत अपेक्षाकृत बेहतर था (ठीक आंकड़ें स्रोतानुसार सीमित). इस बार शुरुआत में धीमी शुरुआत संकेत दे रही है कि मतदाता शायद पुराने नरेटिव से कम प्रभावित हैं, या प्रक्रिया-तथ्यों सेाकारी (logistical) चुनौतियाँ उन्हें पीछे कर रही हैं।

इसके अलावा, इस बार मतदान के दौरान “नए वोटर्स”, “पहली बार वोट दे रहे युवा” व “शहरी-गाँव अंतर” इन पहलुओं की चर्चा अधिक हो रही है।


निष्कर्ष


पटना जिले के इस पहले चरण के मतदान ने यह साफ़ किया है कि उत्साह है लेकिन गति अपेक्षा से कम रही। स्थानीय स्तर पर तकनीकी, पहुँच-समस्याएँ व मतदान शुरूआत में कम भागीदारी जैसी चुनौतियाँ दिखी हैं। 14 सीटों के इस क्षेत्र में ग्रामीण-शहरी मतदाता, विकास-उमीदें व व्यवस्था-विरोधी मुद्दे

 मिलकर निर्णायक होंगे। अगले चरणों में इन संकेतों का असर देखने योग्य होगा।




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