“मुंबई में 34 ‘मानव बम’ की धमकी: नोएडा से अंकित खुफिया संदेश — 51 वर्षीय व्यक्ति गिरफ्तार”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Ashwini Kumar नामक 51 वर्षीय व्यक्ति को Mumbai Police (मुंबई) द्वारा गिरफ्तार किया गया है
निष्कर्ष
Flipkartमुंबई ट्रैफ़िक पुलिस के व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर पर एक धमकियुक्त संदेश भेजा था जिसमें बताया गया था कि पूरे शहर में 34 मानव बॉम्ब स्थापित हैं।
मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल रूम को 4 सितंबर 2025 को एक व्हाट्सएप संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें कहा गया कि 14 पाकिस्तानी आतंकवादी शहर में घुस आए हैं, 34 वाहनों में कुल 400 किलोग्राम आर डी एक्स (RDX) विस्फोटक रखा गया है और 34 मानव बम स्थापित हैं जो शहर को हिलाकर रख देंगे।
तत्काल बाद जांच की गई। Mumbai Crime Branch ने ट्रेसिंग के जरिए उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहने वाले अश्विनी कुमार को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपी बिहार के पाटलिपुत्र का निवासी है, जो पिछले कुछ वर्षों से नोएडा के सेक्टर 79 में रह रहा था। उसने खुद को ज्योतिष-वास्तु विशेषज्ञ बताया है।
एफआईआर में सामने आया है कि उसने इस धमकी को दोस्त-बनकर (जिसका नाम “फ़िरोज” बताया गया) भेजा था, क्योंकि वह उस दोस्त के खिलाफ ठगी का मुकदमा होने के बाद उसकी न-नफ़रत कर रहा था।
प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि आरोपी का किसी आतंकवादी संगठन से कोई सीधा संबंध नहीं था; यह एक साज़िश एवं बदला लेने की कड़ी लग रही है।
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🧭 विस्तृत वर्णन
धमकी का स्वरूप
मुंबई ट्रैफिक पुलिस की व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर एक संदेश आया जिसमें बताया गया: 34 मानव बम शहर में फैले हुए हैं, 14 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय हैं, 400 किलोग्राम RDX विस्फोटक उपयोग किया जाएगा।
संदेश ने खुद को एक आतंकवादी संगठन “Lashkar‑e‑Jihadi” से जोड़ा था।
यह धमकी समय-सापेक्ष थी — Ganesh Visarjan (गणेश विसर्जन) के दौरान लोगों की भारी मौजूदगी वाले समय में भेजी गई।
गिरफ्तारी व जांच
मुंबई क्राइम ब्रांच ने मोबाइल ट्रैकिंग, SIM डेटा, CCTV कैमरों की मदद से आरोपी को नोएडा से गिरफ्तार किया।
आरोपी के पास से सात मोबाइल फोन, तीन SIM कार्ड, एक बाहरी SIM स्लॉट, छह मेमोरी कार्ड धारक, चार SIM धारक जब्त हुए।
एफआईआर में आरोपी द्वारा अपने पूर्व मित्र को फंसाने की पूरी साजिश की पुष्टि हुई — उसने मित्र की फोटो/नाम का उपयोग किया था।
शहर में सुरक्षा-हाईएलर्ट
धमकी मिलते ही मुंबई पुलिस ने महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बढ़ाई, विस्फोटक जांच दल (Bomb Squad) तैयार किया गया।
क्षेत्रीय लोगों से अपील की गई कि वे अफवाहों पर भरोसा न करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
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✅ निष्कर्ष
यह मामला आतंकवाद से जुड़ी प्रत्यक्ष घटना नहीं, बल्कि एक झूठी धमकी व व्यक्तिगत बदले की साजिश के रूप में उभरा है। आरोपी ने अपने पूर्व मित्र के खिलाफ आरोपित ठगी के बाद उसे फंसाने के लिए इस प्रकार का संदेश भेजा। इस तरह का मामला सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बनता है क्योंकि वे तत्काल सावधानी संबंधी कार्रवाई करते हैं, जबकि जांच में प्रमाणित होता है
कि वास्तविकतः कोई विस्फोट नहीं हुआ।
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