गेम-चेंजर डील: अमेरिका ने भारत को $93 मिलियन के जेवलिन मिसाइल और एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल की बिक्री को दी हरी झंडी; चीन-पाकिस्तान की बढ़ेगी चिंता

 🚀 अमेरिका ने भारत को एक्सकैलिबर और जेवलिन मिसाइल सिस्टम की बिक्री को दी मंजूरी: $90 मिलियन से अधिक का अहम रक्षा सौदा


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न्यू यॉर्क/वाशिंगटन, एजेंसी:

अमेरिका ने भारत को एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल और जेवलिन मिसाइल सिस्टम समेत $90 मिलियन से अधिक के रक्षा उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दी। यह सौदा भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करेगा और भारत की सटीक मारक क्षमता में भारी वृद्धि करेगा।

🎯 रक्षा साझेदारी में नया मील का पत्थर: $90 मिलियन से अधिक का सौदा

अमेरिका ने भारत के लिए 'एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल' और 'जेवलिन मिसाइल सिस्टम' तथा संबंधित उपकरणों की संभावित विदेशी सैन्य बिक्री (Foreign Military Sale - FMS) को हरी झंडी दे दी है। इस सौदे का कुल अनुमानित मूल्य 9 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 800 करोड़ रुपये) से अधिक है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस बिक्री का निर्णय लिया है और रक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने इसकी आवश्यक प्रमाणन सूचना अमेरिकी कांग्रेस को दे दी है।

सौदा दो हिस्सों में:

एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल: अनुमानित लागत 4 करोड़ 71 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 395 करोड़ रुपये) है।

जेवलिन मिसाइल सिस्टम: अनुमानित लागत 4 करोड़ 57 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 383 करोड़ रुपये) है।

🇮🇳🇺🇸 भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूती

अमेरिकी प्रशासन ने इस बिक्री को मंजूरी देते हुए भारत को हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्रों में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिए एक "महत्वपूर्ण शक्ति" और "प्रमुख रक्षा साझेदार" बताया है।

डीएससीए के बयान में कहा गया है कि यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों का समर्थन करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य अमेरिका-भारतीय सामरिक संबंधों को मजबूत करना और एक प्रमुख रक्षा साझेदार के रूप में भारत की सुरक्षा को बेहतर बनाना है। अमेरिका का मानना है कि इन उन्नत उपकरणों की आपूर्ति से क्षेत्र में मूलभूत सैन्य संतुलन में कोई बदलाव नहीं आएगा।

💥 भारतीय सेना की मारक क्षमता में भारी इजाफा

यह रक्षा सौदा भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं में गुणात्मक सुधार लाएगा। जेवलिन और एक्सकैलिबर दोनों ही हाई-प्रिसीजन, अत्याधुनिक हथियार प्रणालियाँ हैं जो वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने में भारत की क्षमता को बढ़ाएँगी।

1. एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल (Excalibur Projectile):

प्रकृति: यह एक प्रीसिजन-गाइडेड आर्टिलरी गोला (Precision-Guided Artillery Projectile) है।

सटीकता: एक्सकैलिबर को जीपीएस-निर्देशित माना जाता है, जो लंबी दूरी (30 किलोमीटर से अधिक) पर भी लक्ष्य को इंच-स्तर की सटीकता से भेद सकता है।

लाभ: इस खरीद से भारतीय सेना की ब्रिगेड की 'फर्स्ट स्ट्राइक एक्यूरेसी' (पहले हमले की सटीकता) में भारी वृद्धि होगी। भारत ने 216 M982A1 एक्सकैलिबर सामरिक प्रक्षेपास्त्र खरीदने का अनुरोध किया है, जिसका उपयोग M777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोपों से किया जाएगा।

2. जेवलिन मिसाइल सिस्टम (Javelin Missile System):

प्रकृति: यह एक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम (ATGM) है, जिसे कंधे पर रखकर दागा जाता है।

विशेषता: जेवलिन एक 'फायर-एंड-फॉरगेट' मिसाइल है, जो दागने के बाद अपने लक्ष्य को स्वयं ट्रैक करती है। यह टॉप-अटैक क्षमता रखती है, जिसका अर्थ है कि यह टैंकों के सबसे कमजोर ऊपरी हिस्से पर वार करती है।

लाभ: यह सिस्टम भारतीय सैनिकों को उन्नत एंटी-टैंक युद्ध क्षमता में भारी बढ़त देगा, जिससे बख्तरबंद लक्ष्यों को लंबी दूरी से सटीकता के साथ निशाना बनाना संभव होगा। भारत ने 100 FGM-148 जेवलिन राउंड और 25 लाइटवेट कमांड लॉन्च यूनिट्स (LwCLU) का अनुरोध किया है।

🛠️ तकनीकी सहायता और भविष्य की साझेदारी

इस बिक्री पैकेज में न केवल मिसाइलें और प्रोजेक्टाइल शामिल हैं, बल्कि कई गैर-MDE (Major Defense Equipment) वस्तुएं भी शामिल हैं, जैसे:

इम्प्रूव्ड प्लेटफॉर्म इंटीग्रेशन किट (iPIK) के साथ पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक फायर कंट्रोल सिस्टम (PEFCS)।

मिसाइल सिमुलेशन राउंड्स।

अमेरिकी सरकार की तकनीकी सहायता और तकनीकी डेटा।

मरम्मत और वापसी सेवाएँ (Repair and Return Services)।

लॉजिस्टिक्स और कार्यक्रम सहायता के अन्य संबंधित तत्व।

एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल्स के लिए मुख्य ठेकेदार वर्जीनिया स्थित आरटीएक्स कॉर्पोरेशन होगा, जबकि जेवलिन मिसाइल सिस्टम के लिए मुख्य ठेकेदार आरटीएक्स कॉर्पोरेशन/लॉकहीड मार्टिन जेवलिन जॉइंट वेंचर (JJV) होगा।

यह समझौता भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग और भारत द्वारा अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण के प्रयासों को दर्शाता है, जिससे उसकी लंबी दूरी की सटीक मारक क्षमताएं बढ़ेंगी और क्षेत्रीय खतरों को रोकने की उसकी क्षमता मजबूत होगी।


🎯 अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों की कार्यप्रणाली और भारतीय सेना पर प्रभाव

1. एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल (M982A1 Excalibur)

⚙️ कार्यप्रणाली (How it Works)

एक्सकैलिबर एक क्रांतिकारी 155mm आर्टिलरी गोला (Artillery Shell) है जो पारंपरिक आर्टिलरी की सटीकता को पूरी तरह बदल देता है।

नेविगेशन और मार्गदर्शन: पारंपरिक गोले लक्ष्य पर पहुँचने के लिए केवल बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र (Ballistic Trajectory) पर निर्भर करते हैं, जबकि एक्सकैलिबर जीपीएस (GPS) तकनीक का उपयोग करता है। इसमें एक छोटा जीपीएस रिसीवर लगा होता है।

उड़ान पथ का सुधार (In-Flight Correction): गोला दागे जाने के बाद, उड़ान के दौरान यह जीपीएस सिग्नल प्राप्त करता है और अपने बाहरी पंखों (Canards) का उपयोग करके अपने प्रक्षेपवक्र को लगातार समायोजित करता है।

सटीकता: यह मार्गदर्शन प्रणाली इसे लगभग 30+ किलोमीटर की दूरी पर भी 2 मीटर से कम की त्रुटि (Circular Error Probable - CEP) के साथ लक्ष्य को भेदने की क्षमता देती है। यानी, यह सीधे एक खिड़की या एक टैंक के पास के छोटे बंकर को भी निशाना बना सकता है।

🇮🇳 भारतीय सेना पर प्रभाव (Impact on Indian Army)

सटीक मारक क्षमता में वृद्धि: भारतीय सेना वर्तमान में M777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोपों का उपयोग कर रही है। एक्सकैलिबर इन तोपों को 'साधारण' आर्टिलरी से 'सटीक गाइडेड' हथियार में बदल देगा।

पार्श्व क्षति (Collateral Damage) में कमी: युद्ध के दौरान, सटीक वार से गैर-लड़ाकू क्षेत्रों (Non-combatant areas) में होने वाले नुकसान (Collateral Damage) को कम किया जा सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवीय सिद्धांतों के लिए महत्वपूर्ण है।

गोला-बारूद की बचत: पहले, एक महत्वपूर्ण लक्ष्य को नष्ट करने के लिए कई पारंपरिक गोले दागने पड़ते थे, लेकिन एक्सकैलिबर के साथ, अक्सर 'एक गोला, एक लक्ष्य' का सिद्धांत लागू होता है। इससे गोला-बारूद का बेहतर प्रबंधन होता है।

शत्रु के मुख्यालयों/कमांड सेंटरों को निशाना बनाना: यह दुश्मन के कमान और नियंत्रण केंद्रों (Command and Control Centers) जैसे उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों (High-Value Targets - HVT) को लंबी दूरी से सुरक्षित रूप से नष्ट करने की क्षमता प्रदान करता है।

2. जेवलिन मिसाइल सिस्टम (FGM-148 Javelin)

⚙️ कार्यप्रणाली (How it Works)

जेवलिन दुनिया की सबसे उन्नत 'फायर-एंड-फॉरगेट' एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों (ATGM) में से एक है।

फायर-एंड-फॉरगेट: इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि एक बार लक्ष्य लॉक हो जाने के बाद, ऑपरेटर को मिसाइल के लक्ष्य तक पहुँचने तक उसे गाइड करने की आवश्यकता नहीं होती। ऑपरेटर तुरंत स्थिति बदल सकता है, जिससे उसकी सुरक्षा बढ़ जाती है।

इन्फ्रारेड मार्गदर्शन: जेवलिन एक इमेजिंग इन्फ्रारेड (IIR) साधक का उपयोग करता है। लॉन्च से पहले, ऑपरेटर लक्ष्य को लॉक करता है। मिसाइल का साधक उस लक्ष्य के इन्फ्रारेड हस्ताक्षर को कैप्चर कर लेता है और उड़ान के दौरान उस हस्ताक्षर को ट्रैक करता है।

टॉप-अटैक मोड (Top-Attack Mode): यह मिसाइल लॉन्च होने के बाद ऊपर की ओर उड़ती है और फिर टैंक के ऊपरी हिस्से पर वार करने के लिए नीचे आती है। टैंकों का ऊपरी हिस्सा आमतौर पर सबसे कम बख्तरबंद होता है, जिससे यह लगभग हर तरह के मुख्य युद्धक टैंक (Main Battle Tank - MBT) को नष्ट करने में सक्षम होती है।

सॉफ्ट लॉन्च: यह सिस्टम एक 'सॉफ्ट लॉन्च' विधि का उपयोग करता है, जिससे इसे किसी भी सीमित स्थान (जैसे- बंकर या इमारत के अंदर) से दागा जा सकता है।

🇮🇳 भारतीय सेना पर प्रभाव (Impact on Indian Army)

हिमालयी सीमा पर लाभ: भारत की उत्तरी सीमाओं पर, जहां दुश्मन के टैंक और बख्तरबंद वाहन एक बड़ा खतरा हो सकते हैं, जेवलिन की 'फायर-एंड-फॉरगेट' और 'टॉप-अटैक' क्षमताएँ भारतीय पैदल सेना (Infantry) को दुर्जेय टैंक-रोधी ताकत प्रदान करेंगी।

रक्षात्मक क्षमता में सुधार: जेवलिन, भारतीय पैदल सेना को युद्ध के मैदान में बख्तरबंद खतरों के खिलाफ तत्काल और प्रभावी प्रतिक्रिया देने की क्षमता देगा, जिससे रक्षात्मक मोर्चों को मजबूत किया जा सकेगा।

सैनिकों की सुरक्षा: 'फायर-एंड-फॉरगेट' सुविधा ऑपरेटर को लॉन्च के तुरंत बाद कवर लेने या स्थिति बदलने की अनुमति देती है, जिससे दुश्मन की जवाबी कार्रवाई से सैनिक सुरक्षित रहते हैं।

✨ निष्कर्ष (Conclusion)

एक्सकैलिबर (सटीक लंबी दूरी की आर्टिलरी) और जेवलिन (उन्नत टैंक-रोधी क्षमता) का यह संयोजन भारतीय सेना को दोहरे मोर्चे पर बड़ी ताकत देता है: सटीक अप्रत्यक्ष मारक क्षमता (एक्सकैलिबर) और शक्तिशाली सीधी टैंक-रोधी क्षमता (जेवलिन)। यह सौदा भारत की रक्षा तैयारी को सटीकता-आधारित युद्ध (Precision-Based Warfare) की ओर एक कदम और आगे ले जाता है।



सौदे का कुल मूल्य $92.8 मिलियन (लगभग ₹770 करोड़)

शामिल मुख्य हथियार FGM-148 जेवलिन मिसाइल सिस्टम (एंटी-टैंक) और M982A1 एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल (प्रीसिजन आर्टिलरी)

रणनीतिक महत्व भारत की 'प्रेसिजन स्ट्राइक' (सटीक निशाना साधने की) क्षमता में भारी वृद्धि।

भू-राजनीतिक परिणाम DSCA ने भारत को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए "प्रमुख रक्षा साझेदार" बताया। चीन और पाकिस्तान की सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य क्षमताएँ प्रभावित होंगी।

अमेरिकी उद्देश्य अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंध को मजबूत करना और क्षेत्रीय खतरों को रोकना।




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