भारत में धूमधाम से मनाया जा रहा 76वाँ संविधान दिवस : “हमारा संविधान, हमारा गौरव” थीम के साथ देशभर में जागरूकता अभियान
नई दिल्ली, 26 नवंबर 2025।
आज पूरा देश 76वाँ संविधान दिवस मना रहा है। हर साल 26 नवंबर को भारत अपनी संवैधानिक यात्रा के उस ऐतिहासिक दिन को याद करता है जब 1949 में संविधान सभा ने विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान को अंगीकृत किया था। वर्ष 2015 में भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से इस दिन को
“संविधान दिवस” या
राष्ट्रीय संविधान दिवस
घोषित किया था, ताकि डॉ. भीमराव अम्बेडकर और संविधान निर्माण में योगदान देने वाले सभी महान व्यक्तियों को श्रद्धांजलि दी जा सके।इस वर्ष संविधान दिवस की थीम है – “संविधान हमारा गौरव : अधिकारों के साथ कर्तव्यों का संकल्प”। पूरे देश में सुबह से ही तिरंगा लहरा रहा है, स्कूल-कॉलेजों में विशेष सभाएँ हो रही हैं,
सोशल मीडिया पर “जय भीम”, “जय संविधान”,
“Happy Constitution Day” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का संदेशराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में कहा, “भारतीय संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के सपनों और आकांक्षाओं का जीवंत प्रतीक है।
यह हमें एकता, समानता और बंधुत्व का मार्ग दिखाता है।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन में आयोजित विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर ने जो संविधान हमें दिया, वह विश्व का सबसे जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है।
आज संविधान दिवस पर हम सब संकल्प लें कि हम न केवल अपने अधिकारों का उपयोग करेंगे, बल्कि मौलिक कर्तव्यों का भी पूर्ण पालन करेंगे।”उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “संविधान की प्रस्तावना हमारा राष्ट्रीय मंत्र है –
हम भारत के लोग… यह शब्द हर भारतीय के दिल में बस्ते हैं।
”संसद में विशेष सत्रसंसद के दोनों सदनों में आज संविधान पर दो-दो घंटे का विशेष चर्चा सत्र हुआ। विपक्षी दलों ने भी भाग लिया और संविधान की रक्षा के लिए एकजुटता का संदेश दिया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने संयुक्त रूप से डॉ. अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।स्कूल-कॉलेजों में उत्साहदेशभर के स्कूलों में सुबह प्रभात फेरी निकाली गई।
बच्चे “मैं भी संविधान पढ़ूँगा- पढ़ाऊँगा” के नारे लगा रहे थे। दिल्ली के कई स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ हुआ। कई जगह नुक्कड़ नाटक, वाद-विवाद और क्विज़ प्रतियोगिताएँ हुईं।उच्च शिक्षा संस्थानों में “संविधान और युवा” विषय पर सेमिनार आयोजित किए गए।
दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय समेत सैकड़ों विश्वविद्यालयों में संविधान की मूल प्रति का प्रदर्शन किया गया।सोशल मीडिया पर छाए संविधान दिवस के रंगसुबह से ही इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, फेसबुक और एक्स (ट्विटर) पर संविधान दिवस की बधाइयाँ और पोस्टर्स की बाढ़ आ गई।
#संविधान_दिवस, #ConstitutionDay, #जय_भीम,
#WeThePeople जैसे हैशटैग टॉप ट्रेंड में रहे। आम लोग से लेकर फिल्मी सितारे, खिलाड़ी और राजनेता तक सभी ने संविधान को नमन किया।राज्य स्तर पर कार्यक्रममहाराष्ट्र : चैत्यभूमि और दीक्षा भूमि पर लाखों लोग पहुँचे।
मुख्यमंत्री ने बाबासाहब को पुष्पांजलि दी।
उत्तर प्रदेश :
लखनऊ में विशाल संविधान जागरूकता रैली निकाली गई।
बिहार : पटना में “संविधान यात्रा” का समापन हुआ।तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक में भी सरकारी अवकाश घोषित किया गया और बड़े स्तर पर कार्यक्रम हुए।
संविधान की कुछ खास बातें जो आज फिर याद की गईंविश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान (लगभग 1,46,385 शब्द)मूल रूप से 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियाँडॉ. बी.आर. अम्बेडकर को संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष बनाया गया था
26 नवंबर 1949 को अंगीकृत, 26 जनवरी 1950 को लागू हुआप्रस्तावना में
“सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य”
शब्द हैंइस बार सरकार ने “हर घर संविधान” अभियान भी चलाया है, जिसमें हर घर में संविधान की प्रस्तावना की प्रति लगाने का आह्वान किया गया है।निष्कर्षआज का दिन सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि संविधान के प्रति अपनी आस्था को नवीनीकृत करने का दिन है। जैसा कि डॉ. अम्बेडकर ने कहा था,
“मैं ऐसे संविधान को बनाने में विश्वास रखता हूँ जो स्वतंत्रता, समता और बंधुता के सिद्धांतों पर आधारित हो।” आज 76 साल बाद भी उनका यह सपना जीवंत है और हर भारतीय के दिल में बस्ता है।



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